आज हम बहुत ही बेल एजुकेटेड और बहुत ही बुद्धिमान के साथ साथ कम्प्यूटर युग में चल रहे हैं क्या हमने कभी अपने सदग्रन्थों को पलट कर देखा है कि हमारे लिए हमारे भगवान हमें क्या बता कर चले गए और वह अपनी सभी आदेशों को सदग्रन्थों में महिर्षि वेदव्यास द्वारा सब लिपिबद्ध किया गया।जैसे श्रीमद्भगवद्गीता देवी भागवत पुराण।  🙏👇
गीताज्ञानदाता भगवान अ 15 के श्लोक 1 से 4 तक में तत्वदर्शी संत की पहचान बता रहा है फिर अध्याय 7 के श्लोक 19 में तत्वदर्शी संत का मिलना अत्यंत दुर्लभ बता रहा आखिर क्यों ? 

अ 4 के श्लोक 34 में अर्जुन को तत्वदर्शी संत की शरण में जाने के लिए आखिर क्यों बोल रहा है ?? गीताज्ञानदाता कह रहा है कि अर्जुन कपट छोड़कर जाना फिर दंडवत प्रणाम करना फिर तुझे वह संत तत्वज्ञान का उपदेश करेगा। 

फिर माता दुर्गा जी देवीभागवत पुराण में बिल्कुल साफ साफ कह रही है अपने पुत्र ब्रह्मा जी से कि जो मेरे ( माता दुर्गा जी ) और ब्रह्म के भेद जो बता देगा वह बुद्धिमान पुरुष अर्थात तत्वदर्शी संत होगा। 

नही विश्वास हो रहा है तो सदग्रन्थ ( गीता प्रेस गोरखपुर के )पलटकर कोई भी पुण्यात्मा चेक कर सकता है आखिर गीताज्ञानदाता और माता दुर्गा जी तत्वदर्शी संत की बात क्यों किया।
पृथ्वी पर आज वह तत्वदर्शी संत सिर्फ संतरामपालजी महाराज हैं।
अधिक जानकारी के लिए  निम्न चैनलों पर संतरामपालजी महाराज के अमृतवचन सुन सकते हैं।

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