Real Age Of Gods
पुण्यात्माओं आज हम प्रमाण सहित जानेंगे कि हमारे भगवानों की आयु कितनी कितनी होती है क्या कोई ऐसा भी भगवान है जो अविनाशी है अर्थात उसकी जन्म मृत्यु नही होती है। सबसे पहले चारों युगों की आयु ( चतुर्युग ) 4320000 वर्ष का होता है जिसमें सतयुग-1728000 वर्ष, त्रेतायुग-1296000वर्ष,द्वापरयुग- 864000 वर्ष और कलयुग - 432000 वर्ष तक का है।
इंद्र की आयु 72 चतुर्युग या 1 मन्वन्तर
शची की 1008 चतुर्युग या एक कल्प (इतने समय मे 14 इन्द्रों का जीवन समाप्त हो जाता है )
ब्रह्मा जी – 72000000 (सात करोड़ बीस लाख) चतुर्युग
विष्णु जी- 504000000 (पचास करोड़ चालीस लाख) चतुर्युग
शिवजी- 3528000000 (तीन अरब बावन करोड़ अस्सी लाख) चतुर्युग
क्षर पुरुष/ काल ब्रह्म काल- 70 हजार शिव जी के बराबर आयु
परब्रह्म – काल के एक जीवन के बराबर एक युग और ऐसे हजार युगों का एक दिन बनता है परब्रह्म का। ऐसे दिनों से बने 100 वर्षों की आयु परब्रह्म की होती है। गीता अध्याय 8 श्लोक 16 व 17 में स्पष्ट लिखा है।
पूर्णब्रह्म कविर्देव- अमर अविनाशी जिसकी कभी मृत्यु नहीं होती (परम अक्षर ब्रह्म / परमेश्वर / सतपुरुष / कविर्देव / कबीर साहेब जी ) परम् अक्षर ब्रह्म कविर्देव अमर और अविनाशी परमात्मा हैं। सर्वोच्च सत्ता के स्वामी कविर्देव सदा से विद्यमान हैं। परमेश्वर कविर्देव की जन्म मृत्यु नहीं होती। गीता अध्याय 15 श्लोक 16-17 तथा अध्याय 8 श्लोक 20 से 22 में गीता ज्ञान दाता ने परम अक्षर ब्रह्म , अविनाशी परमात्मा के बारे में कहा है।
श्रीमद् देवी भागवत (गीताप्रेस गोरखपुर), तृतीय स्कंद, पृष्ठ 114 -115 मे स्पष्टीकरण मिलता है कि ब्रह्म (काल/क्षर पुरूष) माँ दुर्गा (प्रकृति देवी/आदिमाया/अष्टांगी/शेरांवाली) के पति है।
परमेश्वर कबीर साहेब जी गोरखनाथ जी से वार्ता हुई थी जिसमें कबीर परमेश्वर जी ने अपनी वाणी बोली है 👇🙏
जो बूझे सोई बावरा, क्या है उम्र हमारी |
असंख्य युग प्रलय गई, तब का ब्रह्मचारी ||टेक||
कोटि निरंजन हो गए,परलोक सिधारी |
हम तो सदा महबूब हैं, स्वयं ब्रह्मचारी ||
अरबों तो ब्रह्मा गए, उनन्चास कोटि कन्हैया |
सात कोटि शम्भू गए, मोर एक नहीं पलैया ||
कोटिन नारद हो गए, मुहम्मद से चारी |
देवतन की गिनती नहीं है, क्या सृष्टि विचारी ||
नहीं बूढ़ा नहीं बालक, नाहीं कोई भाट भिखारी |
कहैं कबीर सुन हो गोरख, यह है उम्र हमारी||
पुण्यात्माओं संतरामपालजी महाराज ने तो सारे धर्मों के सद्ग्रंथों से प्रमाणित कर दिया है कि पूर्ण परमेश्वर कबीर साहेब जी ही हैं।
आपजी निम्नलिखित चैनलों पर रोजाना संतरामपालजी महाराज के आध्यात्मिक मंंगल प्रवचन सुन सकते हैं।
अधिक जानकारी के लिए आपजी संंत जी द्वारा लिखित पवित्र आध्यात्मिक पुस्तक ज्ञान गंगा पढ सकते हैं।
इंद्र की आयु 72 चतुर्युग या 1 मन्वन्तर
शची की 1008 चतुर्युग या एक कल्प (इतने समय मे 14 इन्द्रों का जीवन समाप्त हो जाता है )
ब्रह्मा जी – 72000000 (सात करोड़ बीस लाख) चतुर्युग
विष्णु जी- 504000000 (पचास करोड़ चालीस लाख) चतुर्युग
शिवजी- 3528000000 (तीन अरब बावन करोड़ अस्सी लाख) चतुर्युग
Age Of Shiv Ji |
क्षर पुरुष/ काल ब्रह्म काल- 70 हजार शिव जी के बराबर आयु
परब्रह्म – काल के एक जीवन के बराबर एक युग और ऐसे हजार युगों का एक दिन बनता है परब्रह्म का। ऐसे दिनों से बने 100 वर्षों की आयु परब्रह्म की होती है। गीता अध्याय 8 श्लोक 16 व 17 में स्पष्ट लिखा है।
पूर्णब्रह्म कविर्देव- अमर अविनाशी जिसकी कभी मृत्यु नहीं होती (परम अक्षर ब्रह्म / परमेश्वर / सतपुरुष / कविर्देव / कबीर साहेब जी ) परम् अक्षर ब्रह्म कविर्देव अमर और अविनाशी परमात्मा हैं। सर्वोच्च सत्ता के स्वामी कविर्देव सदा से विद्यमान हैं। परमेश्वर कविर्देव की जन्म मृत्यु नहीं होती। गीता अध्याय 15 श्लोक 16-17 तथा अध्याय 8 श्लोक 20 से 22 में गीता ज्ञान दाता ने परम अक्षर ब्रह्म , अविनाशी परमात्मा के बारे में कहा है।
श्रीमद् देवी भागवत (गीताप्रेस गोरखपुर), तृतीय स्कंद, पृष्ठ 114 -115 मे स्पष्टीकरण मिलता है कि ब्रह्म (काल/क्षर पुरूष) माँ दुर्गा (प्रकृति देवी/आदिमाया/अष्टांगी/शेरांवाली) के पति है।
परमेश्वर कबीर साहेब जी गोरखनाथ जी से वार्ता हुई थी जिसमें कबीर परमेश्वर जी ने अपनी वाणी बोली है 👇🙏
जो बूझे सोई बावरा, क्या है उम्र हमारी |
असंख्य युग प्रलय गई, तब का ब्रह्मचारी ||टेक||
कोटि निरंजन हो गए,परलोक सिधारी |
हम तो सदा महबूब हैं, स्वयं ब्रह्मचारी ||
अरबों तो ब्रह्मा गए, उनन्चास कोटि कन्हैया |
सात कोटि शम्भू गए, मोर एक नहीं पलैया ||
कोटिन नारद हो गए, मुहम्मद से चारी |
देवतन की गिनती नहीं है, क्या सृष्टि विचारी ||
नहीं बूढ़ा नहीं बालक, नाहीं कोई भाट भिखारी |
कहैं कबीर सुन हो गोरख, यह है उम्र हमारी||
पुण्यात्माओं संतरामपालजी महाराज ने तो सारे धर्मों के सद्ग्रंथों से प्रमाणित कर दिया है कि पूर्ण परमेश्वर कबीर साहेब जी ही हैं।
Kabir Is Supreme God |
Saint Rampal Ji Maharaj |
अधिक जानकारी के लिए आपजी संंत जी द्वारा लिखित पवित्र आध्यात्मिक पुस्तक ज्ञान गंगा पढ सकते हैं।
Gyan Ganga |
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